Shiv Aarti lyrics in hindi

शिव आरती ,भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का एक सरल मार्ग है। शिव आरती का विधि अनुसार पाठ-पूजा में गाने से जीवन के सभी दुखो से छुटकारा मिल जायेगा एवं भोलेनाथ प्रसन्न होकर भक्तों की हर मनोकामनाएं पूरी करते है। इसलिए शिव पूजा के दौरान आरती अवश्य करनी चाहिए। इस आर्टिकल में Shiv Aarti lyrics in hindi में लिखा गया है जिसे आप भगवान शिव के प्रति आस्था रहकर पढ़िए।

Shiv Aarti lyrics in hindi

Shiv Aarti lyrics in hindi

जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव, अर्द्धांगी धारा।
ॐ जय शिव ओंकारा॥

एकानन चतुरानन, पंचानन राजे।
हंसासन गरुड़ासन, वृषवाहन साजे।
ॐ जय शिव ओंकारा॥

भस्म लेपित अंग, गंगाधर शंकर।
श्री कंठ मृदुहास, महेश्वर शंकर।
ॐ जय शिव ओंकारा॥

शिव यज्ञ में, शमी शशि वृष टहला।
शिव यज्ञ में शंकर, ब्रह्मा ताड़क महा।
ॐ जय शिव ओंकारा॥

श्वेतांबर पीतांबर, बाघांबर अंगे।
संकट नाशन महा, विपदा हरेंगे।
ॐ जय शिव ओंकारा॥

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शिव आरती के सरल नियम

शिव आरती को गाने के कुछ सरल नियम हैं जो भक्तों को ध्यान में रखने चाहिए:

  • आरती को सुबह और शाम दोनों समय किया जा सकता है।
  • शिवलिंग के सामने दीपक जलाकर आरती की शुरुआत करें।
  • शिव आरती के दौरान भगवान शिव के प्रति पूर्ण समर्पण और आस्था रखें।

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शिव आरती के फायदे

मानसिक शांति और स्थिरता

शिव आरती का नियमित पाठ करने से मन को शांति मिलती है और मानसिक तनाव कम होता है। इसके मंत्रों और संगीत की आवाज से मन को एक दिशा में अवस्था प्राप्त होती है, जिससे जीवन की चुनौतियों का सामना करने की हिम्मत मिलती है।

आध्यात्मिक जागरूकता

भक्तों द्वारा ऐसा माना जाता है कि शिव आरती के दौरान आध्यात्मिक जागरूकता बढ़ती है। इस साधना से आत्मा का शुद्धीकरण होता है।

नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा

शिव आरती के मंत्रों की शक्ति से नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियाँ नष्ट हो जाती है और पूरे जीवन में बुरी चीजे दूर ही रहती है। जिससे व्यक्ति और उसके परिवार को सभी प्रकार की नकारात्मकता से सुरक्षित रखती है और सकारात्मक ऊर्जा की उत्पत्ति होती है।

समृद्धि और सुख-शांति का वास

शिव आरती के नियमित पाठ से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है एवं भगवान शिव की कृपा से परिवार के लोगो के बीच प्रेम,और सहयोग बढ़ता है। जिससे लगातार अच्छे संबंध से जीवन सुखमय होता है।

स्वास्थ्य लाभ

शिव आरती के मंत्रों का उच्चारण और आरती के समय ध्यान से शरीर और मन को संतुलन मिलता है। यह ध्यान प्रक्रिया तनाव को कम करती है और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार करती है।

ईश्वर के प्रति भक्ति और समर्पण

शिव आरती भगवान शिव के प्रति भक्ति के द्वारा समर्पण को बढ़ावा देती है एवं यह भक्ति आपको और भी ज्यादा भगवान शिव के करीब लाती है।

कठिनाइयों का समाधान

शिव आरती का पाठ करने से जीवन की कठिनाइयों का समाधान मिलता है। भगवान शिव की कृपा से व्यक्ति सभी प्रकार की बाधाओं और संकटों से मुक्ति पाता है।

FAQ

भोलेनाथ की आरती कितने बजे होती है?

भोलेनाथ की आरती का समय सूर्योदय से पहले लगभग 5:00 से 6:00 बजे के बीच सही समय है। इस समय को ब्रह्म मुहूर्त भी कहा जाता है तथा शाम की आरती सूर्योदय के बाद और रात के पहले पहर के दौरान, आमतौर पर 6:00 से 7:00 बजे के बीच की जाती है। इस समय आरती करने से दिनभर की थकान मिटती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

भोलेनाथ की आरती कौन सी है?

भोलेनाथ की आरती के रूप में सबसे प्रसिद्ध आरती “ॐ जय शिव ओंकारा” है। यह आरती भगवान शिव की महिमा का गुणगान करती है

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